Kachhua Ring (Panchdhatu)

599.00

Origin: India
Shape: Tortoise
Weight Of Ring 5 gm Approx
Energization Yes
Customer care 7007012255
Delivery: All Over India (5 to 6 Days)
SKU: KR-0001-JA Categories: ,

Description

Introduction

आपने देखा होगा लोग सोने-चांदी की अंगुठी के साथ कछुए वाली अंगुठी को भी पहने हुए देखा होगा. अक्सर लोग उंगली में चांदी की धातु में कछुए वाली अंगूठी पहनते हैं. ऐसा माना जाता है कि इसे धारण करने से धन प्राप्ति का मार्ग खुलता है. कछुए को ज्योतिष शास्त्र में बहुत भाग्यशाली माना गया है क्योंकि इसका सीधा संबंध मां लक्ष्मी से है. यही कारण है कि लोग कछुए की अंगूठी पहनते हैं. फेंगशुई में भी कछुए को भाग्यशाली और धनदायक कहा गया है. ऐसे में जानते हैं कि कछुए वाली अंगूठी कैसे और कब  धारण करनी चाहिए.

Benefits and Procedure of Wearing

कछुए वाली अंगूठी को वास्तुशास्त्र में बेहद शुभ माना गया है।
* यह अंगूठी व्यक्ति के जीवन के कई दोषों को शांत करती है।
* इसका सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि यह आपके आत्मविश्वास को बनाए ही नहीं रखती बल्कि उसे बढ़ाती भी है। यानि आत्मविश्वास है तो सबकुछ पॉजीटिव और बेहद अच्छा होगा।
* शास्त्रों के मुताबिक कछुआ जल और थल दोनों में रहने वाला प्रतीक है। इस कारण यह सकारात्मकता और उन्नति का प्रतीक है।
* हिन्दू शास्त्रों में कछुआ भगवान विष्णु का अवतार भी है।
* समुद्र मंथन की पौराणिक कथा के मुताबिक कछुआ समुद्र मंथन से उत्पन्न हुआ था और मां लक्ष्मी भी वहीं से आई थीं।
* इसीलिए वास्तु शास्त्र में कछुए को इतना महत्व प्रदान किया जाता है।
* कछुए को देवी लक्ष्मी के साथ जोड़कर धन बढ़ाने वाला माना गया है।
* इसके अलावा यह जीव धैर्य, शांति, निरंतरता और समृद्धि का भी प्रतीक है।

इन बातों का रखना होगा ध्यान

* कछुआ रिंग से मिलने वाले लाभ आपको महीने भर में ही नजर आने लगेंगे। लेकिन इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा..ऐसा न करने पर इस रिंग के नुकसान भी आपको ही झेलने होंगे…

* यदि आप किसी दूसरी धातु का प्रयोग करना चाहें जैसे कि सोना या कोई अन्य रत्न, तो कछुए के आकार को चांदी में बनवाकर उसके ऊपर सोने का डिजाइन या रत्न को जड़वा सकते हैं।
* इस अंगूठी को इस तरह बनवाएं कि जो इसे पहनेगा कछुए का सिर उसकी ओर घूमा हुआ हो।
* यदि इसके विपरीत दिशा में कछुए का मुंह होगा, तो धन आने की बजाय हाथ से चला जाएगा।
* इस अंगूठी को हमेशा सीधे हाथ की मध्यमा या तर्जनी अंगुली में ही धारण करें।
* कछुए को मां लक्ष्मी के साथ जोड़ा गया है। इसलिए इसे धारण करने के लिए मां का दिन ही चुनें।
* यानी आपको इस अंगूठी को शुक्रवार के दिन पहनना चाहिए। इससे मां के हर रूप का आशीर्वाद आप पर बना रहेगा।
* शुकवार कोइस अंगूठी को खरीदें और घर लाकर मां लक्ष्मी जी की तस्वीर या मूर्ति के सामने रख दें।
* इसे दूध और पानी के मिश्रण से धोएं और अगरबत्ती करने के बाद ही पहनें।
* श्रद्धा के मुताबिक यदि आप चाहें तो इस दौरान मां लक्ष्मी के बीज मंत्र का निरंतर जाप भी कर सकते हैं।
* अक्सर लोगों की आदत होती है कि उंगलियों में पहनी रिंग को घुमाते रहते हैं। जबकि ऐसा करना सही नहीं होता।
* खासतौर पर यदि आपने कछुआ रिंग पहन ली है, तो उसे घुमाएं नहीं।
* ऐसा करने से कछुए का मुंह बार-बार दूसरी दिशाओं में घूमता है, जो वास्तु के हिसाब से सही नहीं है।
* जैसे-जैसे कछुए के मुंह की दिशा बदलेगी, धन के आगमन में भी उतनी ही रुकावटें रहेंगी।

Additional information

Weight 200 g
Dimensions 10 × 10 × 10 cm

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