Description
पारा, रुद्राक्ष, लक्ष्मी शंख जडि़त और अष्टधातु से निर्मित यह सर्वकार्य सिद्धि, धन प्राप्ति और प्रेम विवाह में आ रही अडचनों को दूर करने वाली अंगूठी है। इसे सिद्ध पारा अष्टधातु की अंगूठी कहा गया है। इस अंगूठी में प्रयोग हुए अलग-अलग वस्तुओं के प्रयोग:
अष्टधातु : यह अंगूठी अष्टधातु में बनाई गई है। यह सभी धातुओं में श्रेष्ठ और अत्यंत फलदायी है। अष्टधातु का महत्व ऋषि मुनियों ने विभिन्न ग्रंथों लेखों में बताया है। इसके अनुसार अष्टधातु नवग्रह दोष को खत्म करता है। अष्टधातु के त्वचा पर स्पर्श से शरीर रोगों से भी मुक्ति प्राप्त करता है।
पारा : पारा दुनिया में पाई जाने वाली सभी धातुओं में सबसे शुद्ध और एकलौती तरल धातु है। इसे पास रखने से वातावरण शुद्ध होता है। मां लक्ष्मी को प्रीय होने के कारण इसके प्रभाव से व्यापार और काम काज में बहुत तेजी से वृद्धि होती है। यह बल कारक भी है।
नाव की कील: इस अंगूठी में नाव की कील को भी कलात्मक रूप से जोड़ा गया है। जिसे अंगूठी के दाई बाई तरफ देखा जा सकता है। नाव की कील के प्रभाव के बारे में कहा जाता है कि ये शनि के दोष को दूर करता है और धारण करने वाले को नजर दोष से भी बचाता है।
रुद्राक्ष: इस अंगूठी में एक पंच मुखी रुद्राक्ष भी है। यह सिद्ध रुद्राक्ष कालाग्नी रुद्राक्ष है जिसमें पूर्व जन्म के पापों को भी हरने की ताकत होती है। यह भगवान शिव की शक्तियां अपने अंदर समाएं इस अंगूठी को धारण करने वाले को को असमय मृत्यु से बचाता है। मन से हर प्रकार के डर को भी खत्म करता है।
शंख: मां लक्ष्मी को प्रीय शंख भी इस अंगूठी में है। जिसके प्रभाव से मां लक्ष्मी कभी रुठ कर जाती नहीं हैं और धारण करने वाला हमेशा संपन्न बना रहता है।
Reviews
There are no reviews yet.