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Sri Batuk Bhairav Kawach (श्री बटुक भैरव कवच)

Original price was: ₹1,650.00.Current price is: ₹699.00.

‘ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धाराणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं स्वाहा

बटुक भैरव हर मनोरथ को पूर्ण करने वाले भगवान हैं। तंत्र साधना में तो यह महादेव के समान शक्तिशाली माने गए हैं। इसलिए इनसे सच्‍चे मन से मांगे गए सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।

कर्ज मुक्ति के लिए: कर्ज मुक्ति केवल तभी संभव है जब आय के नए मार्ग बनें और अचानक होने वाले खर्च रुक जाएं। इस कवच को मंगलवार के दिन हमारे बताए हुए समय पर धारण करें।

प्रेम प्राप्‍ति और आकर्षण के लिए: यदि प्रेम संबंधों में मजबूती और स्‍वयं में आकर्षण चाहते हैं तो इस कवच को शुक्रवार के दिन हमारे बताए हुए समय पर धारण करें। बहुत जल्‍द ही भगवान बटुक भैरव की कृपा से मनोवांछित फल मिलेगा।

व्‍यापार में वृद्धि के लिए: व्‍यापार में उन्‍नति की कामना है तो भगवान बटुक भैरव का ध्‍यान करते हुए इस कवच को गुरूवार के दिन हमारे बताए गए मुहुर्थ में बताए गए तरीके से धारण करें। निश्‍चय ही व्‍यापार में उन्‍नति दिखेगी।

बुरी नजर से, प्रेत बाधा से और वशीकरण से बचाव: इसके लिए इससे अच्‍छा कोई दूसरा उपाय नहीं है। यह पूर्ण रूप से तैयार होता है बस दिए गए मंत्र के साथ शनिवार के दिन अथवा मंगलवार के दिन बताए गए समय पर बताए गए तरीके से इसे धारण करें। कोई भी बुरी शक्ति‍ आपकेा छूकर नहीं गुजरेगी।

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Description

Sri Batuk Bhairav Kawach भारतीय वेदिक ज्‍योतिष और तंत्र सिद्ध व्‍याख्‍यानों में यह माना गया है कि कोई भी ऐसा काम जो सामान्‍य अवस्‍था में असंभव लग रहा हो उसे केवल और केवल बटुक भैरव के अनुष्‍ठान से या उनके आशीर्वाद को ग्रहण करके संभव किया जा सकता है।

यह बटुक भैवर कवच दिव्‍य वेदिक और तंत्र साधना के बाद तैयार किया गया है। इसे ग्रहण कर धारण करने से व्‍यक्ति हर प्रकार के कार्यों को संभव कर सकता है। यह आय के स्रोत बनाने, शत्रु विनाश और आकर्षण को बढ़ाने में भी बहुत कारगर है।

कैसे होता है Batuk Bhairav Kawach तैयार:

इस Batuk Bhairav सुरक्षा कवच को तैयार करने के लिए शुभ स्‍थान का चयन कर वहां अनुष्‍ठान का आयोजन होता है। सर्वोत्‍तम मुहूर्थ का निर्धारण करके हल्‍दी से भोजपत्र में बटुक भैरव यंत्र का निर्माण कर दिया जाता है। इसके बाद इस यंत्र के मध्‍य में घी का दीपक रख कर संपूर्ण शक्तियों का आवाह्न करते हैं।

और फिर शुरू होता है महा पूजन

जिसमें षोडशोपचार करके पूजन शुरू होता है। भगवान भैरव को दही बड़े और मदिरा का भोग अर्पित करते हैं।

इसके बाद सर्वकार्यपूर्ति की मनोकामना के साथ महा हवन होता है और इस हवन में भगवान बटुक भैरव को अर्पित की गई सभी सामग्री को धूणि अर्थात राख में परिवर्तित किया जाता है।

इसके बाद पूजन में समर्पित 101 लॉकेट में हवन की राख भरी जाती है और फिर सर्व कार्य सिद्धि हेतु उसे बहुत मामूलि‍ से सहायता शुल्‍क के साथ प्रदान कर दी जाती है।

कैसे होता है उपयोग:

बटुक भैरव हर मनोरथ को पूर्ण करने वाले भगवान हैं। तंत्र साधना में तो यह महादेव के समान शक्तिशाली माने गए हैं। इसलिए इनसे सच्‍चे मन से मांगे गए सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।

कर्ज मुक्ति के लिए: कर्ज मुक्ति केवल तभी संभव है जब आय के नए मार्ग बनें और अचानक होने वाले खर्च रुक जाएं। इस कवच को मंगलवार के दिन हमारे बताए हुए समय पर धारण करें।

प्रेम प्राप्‍ति और आकर्षण के लिए: यदि प्रेम संबंधों में मजबूती और स्‍वयं में आकर्षण चाहते हैं तो इस कवच को शुक्रवार के दिन हमारे बताए हुए समय पर धारण करें। बहुत जल्‍द ही भगवान बटुक भैरव की कृपा से मनोवांछित फल मिलेगा।

व्‍यापार में वृद्धि के लिए: व्‍यापार में उन्‍नति की कामना है तो भगवान बटुक भैरव का ध्‍यान करते हुए इस कवच को गुरूवार के दिन हमारे बताए गए मुहुर्थ में बताए गए तरीके से धारण करें। निश्‍चय ही व्‍यापार में उन्‍नति दिखेगी।

बुरी नजर से, प्रेत बाधा से और वशीकरण से बचाव: इसके लिए इससे अच्‍छा कोई दूसरा उपाय नहीं है। यह पूर्ण रूप से तैयार होता है बस दिए गए मंत्र के साथ शनिवार के दिन अथवा मंगलवार के दिन बताए गए समय पर बताए गए तरीके से इसे धारण करें। कोई भी बुरी शक्ति‍ आपकेा छूकर नहीं गुजरेगी।

विशेष बातें:

इस कवच को दूसरों की निगाहों से बचा कर धारण करना इसे बहुत ज्‍यादा शक्तिशाली बनाता है। इसे धारण करने के बाद कुछ बातों का विशेष ध्‍यान रखना होता है।

यदि मांसाहार खाते हैं तो इसे उतार कर रख दें उसके बाद ही मांसाहार करें। इसके बाद अगले दिन इसे पुन: धारण कर लें। एक बार मुहुर्थ में धारण करने के बाद बार बार मुहुर्थ धारण करने की जरूरत नहीं होती।

यदि घर में सूतक लगा हो या ऐसी किसी भी जगह जा रहे हो तो भी उतार दें और फिर वहां से आकर धारण करें। यदि घर में ही हो तो 20 दिन के बाद धारण करें।

इसको धारण करके शमशान में प्रवेश कर सकते हैं इसको उतारने की जरूरत नहीं है।

आप सब लोगों को शुभकामना

जय बटुक भैरव नाथ जी… ‘ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धाराणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं स्वाहा

Additional information

Weight 0.2 g
Dimensions 20 × 20 × 5 cm

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