Description
रुद्राक्ष के प्राकृतिक दानों में एक साथ मां पार्वती और भगवान शिव जब प्रकट होते हैं तो इस दाने को Gauri Shankar Rudraksha के नाम से जाना जाता है। यह रुद्राक्ष नेपाल और इंडोनेशिया का होता है। ज्येातिष में और भगवान शिव के भक्तों में इस रुद्राक्ष की बहुत मान्यता है। इसे धारण करना ज्योतिष में बहुत लाभकारी बताया गया है।
शिव भक्त इस रुद्राक्ष को मां गौरी और भगवान शिव के प्रतीक के रुप में धारण करते हैं और कुछ इस रुद्राक्ष को अपने मंदिर में रखकर प्रत्येक दिन इसकी पूजा और दर्शन करते हैं। यह रुद्राक्ष विवाह में आ रही परेशानियोंं अथवा वैवाहिक जीवन में आ रही किसी भी परेशानी के निवारण के रुप में बहुत प्रसिद्ध है। यह इसका प्रभाव ही है जो यह रुद्राक्ष सदियों से श्रृद्धा का केंद्र रहा है और लोग इसे धारण भी करते आ रहे हैं।
Gauri Shankar Rudraksha को धारण करने के लाभ:
- वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है एक दूसरे के प्रति सम्मान में वृद्धि होती है।
- धारण करने वाला व्यक्ति मानसिक रुप से मजबूत होता है तथा अपने कार्य एकाग्रता से कर पाता है।
- यह रुद्राक्ष सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ा देता है।
- इसे धारण करने से तनाव और चिंता कम होती है।
- दूसरे रुद्राक्षों की तरह इस रुद्राक्ष को धारण करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- मां गौरी और भगवान शिव के आशीर्वाद से आत्मबल में बहुत वृद्धि होती है।
- धारण करने वाले व्यक्ति को सफलता और समृद्धि के अवसर प्राप्त होते हैं।
Gauri Shankar Rudraksha धारण विधि:
Gauri Shankar Rudraksha सोमवार के दिन धारण किया जाए तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा शिवरात्री के दिन भी इस रुद्राक्ष को धारण किया जा सकता है। धारण करने से पहले इस रुद्राक्ष को गंगाजल या दूध से शुद्ध कर लें।
इसके बाद मां गौरी और भगवान शिव का आशीर्वाद लेकर इसे पीले अथवा लाल धागे में या किसी धातु की चेन में गले पर धारण करें। अगर इसको शीघ्र विवाह अथवा वैवाहिक जीवन में मधुरता के लिए धारण कर रहे हैं तो पीला धागा में धारण करें। यदि इस मंदिर में रख रहे हैं तो रोज इस रुद्राक्ष का हल्दी से तिलक करें और माथे से स्पर्श कराएं।
Gauri Shankar Rudraksha एक बहुत ही शक्तिशाली रुद्राक्ष है। इसे धारण करने से आपको कई लाभ प्राप्त हो सकते हैं।
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