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भारतीय संस्कृति में किसी भी कार्य का शुभारम्भ भगवान गणेश की आराधना से की जाती है, गणेश जी की पूजा किये बिना किसी भी शुभ काम को अधूरा माना जाता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता माना जाता है मात्र इनके स्मरण से जीवन में आयी हुई विषमताएं दूर होती है और सभी इक्षाओं की पूर्ति होती है।
भगवान गणेश के इस आशीर्वाद को गणेश रुद्राक्ष के रूप सदैव अपने साथ रखने से आपको नयी ऊर्जा का आभास होने के साथ आपके सभी काम बिना किसी विशेष रूकावट के परिपूर्ण भी होते है।
मंत्र – ऊँ गं गणपतये नम:
देवता – भगवान गणेश
गृह – सम्पूर्ण
राशि – सम्पूर्ण
उत्पत्ति – नेपाल
लाभ –
- गणेश रुद्राक्ष धारण करने से मन मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
- भगवान शिव का अंश रुद्राक्ष में उभरी हुई सूड़ नुमा आकृति गणेश जी के स्वयं होने का आभास होता है जिससे रुके हुए काम सम्पूर्ण होते है
- भगवान गणेश का स्मरण करने से मात्र आपके जीवन में आने वाली विषम परिस्थति दूर होती है और नयी ऊर्जा का आभास होता है
- भगवान गणेश भगवान शिव के पुत्र हैं इसलिए भगवान शिव का और देवी पार्वती जी का भी आशिर्वाद प्राप्त होता ह।
- केतु के हानिकर प्रभावों को भी भगवान का आशीर्वाद मिलता है
धारण करने की विधि
गणेश रुद्राक्ष को ऊँ गं गणपतये नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए सोमवार को स्नान इत्यादि करने के बाद। बताये हुए शुभ मुहूर्त में धारण किया जाता है।
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