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अभिमंत्रित 6 मुखी रुद्राक्ष सम्पन्ता का प्रतीक है। यह सारे संसारिक ऐशोआराम के कारक ग्रह शुक्र से संबंधित है। इसलिए इसे शुक्र के उपायों के रूप में भी धारण किया जाता है। इस रुद्राक्ष से भगवान कार्तिकेय का संबंध है। इसलिए इसे बच्चों के लिए बहुत उपयोगी माना गया है। यह समझदारी बढ़ाता है और अच्छे करियर की ओर ले जाता है।
मंत्र: ऊं ह्रीं हूं नम:
देवता: भगवान कार्तिकेय
ग्रह: शुक्र
राशि: वृषभ और तुला
उत्पत्ति: नेपाल
लाभ:
- ऐसे लोग जो अपने लिए भोग-विलास की चीजों को खरीदना चाहते हैं इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करें।
- ऐसे लोग जो भीड़ के सामने, कैमरे के सामने या नई जगह पर भी कुछ भी बोलने से घबराते हैं, उन्हें भी यह रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
- यह सोचने समझने की क्षमता बढ़ाता है।
- यह शुक्र ग्रह के बुरे प्रभावों को कम करता है।
धारण करने की विधि:
सबसे पहले तो इस अभिमंत्रित 6 मुखी रुद्राक्ष को प्राप्त कीजिए। उसके बाद किसी भी शुक्रवार के दिन इसे धारण कर लीजिए। इसे चांदी के पेंडेंट बनवाना चाहिए।