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पांच मुखी रुद्राक्ष को कालाग्नी रुद्राक्ष भी कहते हैं। यह आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। यह धारण करने से स्वाभाव में सौम्यता आती है। जिम्मेदारी का एहसास होता है और मान सम्मान में वृद्धि होती है। यह भी कहा जाता है कि इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला पांच तरह के पापों से मुक्ति प्राप्त करता है।
मंत्र: ऊं ह्रीं नम:
देवता: कालाग्नी रुद्र
ग्रह: बृहस्पति
राशि: धनु और मीन
उत्पत्ति: नेपाल
पांच मुखी रुद्राक्ष के लाभ:
- ऐसे लोग जो ध्यान लगाते हैं और किसी भी तरह के अध्यात्मिक ज्ञान की तलाश में होते हैं उन्हें यह अभिमंत्रित 5 मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
- उच्च रक्त चाप, एसिडिटी और दिल से संबंधित बीमारियों में इसको धारण करने से काफी सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलते हैं।
- जीवन को तनाव मुक्त रखने और शांति बनाए रखने के लिए भी अभिमंत्रित पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण किया जाता है।
- बालिका जिसे अपने विवाह का इंतजार हो और काफी समय से कोई अच्छा वर न मिल पा रहा हो तो उसे भी पांच मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए।
- काले जादू से बचने के लिए भी इस अभिमंत्रित पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण किया जा सकता है।
- भगवान शिव, भगवान विष्णु, भगवान गणेश, सूर्य देव तथा मां दुर्गा के आशीर्वाद का प्रतीय यह सभी ज्योतिषीय उपायों में सबसे श्रेष्ठ माना गया है।
कैसे करें धारण
सबसे पहले तो इसे प्राप्त करें। इसके बाद किसी भी गुरूवार के दिल हल्दी से इस रुद्राक्ष का तिलक करें इसे चांदी में मढ़वाकर पहन लें।