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अपने प्रभाव और भाग्य परिवर्तन की क्षमता के कारण ही एक मुखी रुद्राक्ष सबसे ज्यादा पहना जाने वाला रुद्राक्ष है। यह सूर्य का प्रतीक है और नेतृत्व क्षमता को बढ़ाता है। बुरी नजर से बचने और बुरे कामों से बचने के लिए भी इसे धारण किया जाता है।
- मंत्र: ऊं ह्रीं नम:
- देवता: भगवान शिव
- ग्रह: सूर्य
- राशि: सिंह
- उत्पत्ति: हिमालय
- विशेष : मान्यता प्राप्त लैब द्वारा प्रमाणित और आचार्य सुरेश शर्मा द्वारा अभिमंत्रित
कौन धारण करें:
यह रुद्राक्ष सौर मंडल के मुखिया सूर्य से संबंधित है। इसे ऐसा कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है जो अपना प्रभुत्व चाहता हो। जो नेतृत्व चाहता हो और अपनी साख कहीं बनाए रखना चाहता हो।
यह रुद्राक्ष सूर्य से संबंधित राशि अर्थात सिंह राशि का राशि रुद्राक्ष है। हालांकि रुद्राक्ष कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है किन्तु सिंह राशि वालों के लिए यह बहुत ही उपयुक्त माना जाता है।
अगर आपका संबंध भौतिक विज्ञान, इंश्योरेंस, आंकलन, गणना, गणित, राजनीति, खगोल शास्त्र, आयुर्वेदिक दवाइयों, सरकारी नौकरी, न्यायालय, सोने चांदी के काम, फाइनेंस और वैधानिक संस्थाओं से है तो पदोन्नति और कार्य उन्नति के लिए एक मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
महत्व
यह ओंकार का स्वरूप है। उन लोगों के लिए बहुत लाभदायक है जो किसी भी तरह से आध्यात्म से जुडे हैं।
यह सकारात्मकता देता है तथा कुछ भी प्राप्त कर लेने के लिए उत्साहित करता है।
पुराणों में कहा गया है कि यह पृथ्वी में आने वाला पहला रुद्राक्ष है इसलिए इसे कोई भी किसी मनोकामना की पूर्ती के लिए धारण कर सकता है।
यह धन व सम्मान की प्राप्ति के लिए भी धारण किया जा सकता है।